1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग का संयुक्त अधिवेशन लखनऊ (Lucknow) में हुआ था।
कांग्रेस ने लखनऊ समझौता द्वारा साम्प्रदायिकता के आधार पर निर्वाचक मंडल को मान लिया था। कांग्रेस ने लखनऊ समझौता मान लिया जो एक भारी भूल थी। लखनऊ अधिवेशन में गरम दल और नरम दल के बीच एकता पुनः स्थापित किया गया ।
लखनऊ समझौता (1916) की दो घटना थी—
(i) उग्र विचार धाराओं वाले नेताओं को जिन्हें पिछले 9 वर्षों से कांग्रेस से निष्कासन किया गया उनका पुनः कांग्रेस में प्रवेश करवाया गया तथा
(ii) कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता ।
- 1916 की योजना (Plan) को कांग्रेस-लीग योजना या लखनऊ पैक्ट या लखनऊ समझौता नाम से जानते हैं।
- लखनऊ समझौते के द्वारा कांग्रेस ने पहली बार मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल की माँग औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया जो कालांतर में एक बड़ी भूल सिद्ध हुई।
- कांग्रेस के लखनऊ सम्मेलन में उग्रवादी और उदारवादियों को पुनः एकजुट करने में बाल गंगाधर तिलक एवं एनी बेसेंट की भूमिका महत्वपूर्ण थी ।