मध्यकालीन शासकों ने जितने मंदिर बनवाए। यह उनकी अवस्था का प्रतीक तो था ही यह भी संभव है, कि वे राजा प्रजा को यह दिखाना चाहते हो, कि वे उनकी अवस्था को भी आधार देना चाहते हैं। वह प्रजा से अपने आधार के भी आकांक्षी थे वे यह भी दिखाना चाहते थे कि वे न सिर्फ सैनिक शक्ति में बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत है ।वह वस्तु कारों को रोजगार भी मुहैया कराना चाहते थे ।इस प्रकार हम देखते हैं कि मजदूरों के निर्माण से राजा की महत्ता का ज्ञान निश्चित ही प्राप्त होता है।