ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्से मैक्डॉनल्ड द्वारा साम्प्रदायिक पंचाट की घोषणा अगस्त, 1932 को की गई थी।
16 अगस्त, 1932 में रैम्जे मैकडोनालड ने विवादास्पद साम्प्रदायिक पंचाट की घोषणा की। इसके अनुसार दलितों को हिन्दूओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान था।
साम्प्रदायिक पंचाट की घोषणा के समय वायसराय लॉर्ड वेलिंगटन का (1931-1936) कार्यकाल चल रहा था। पूना समझौता 24 सितम्बर, 1932 को हुआ।
भारत शासन अधिनियम 1935 लॉर्ड वेलिंगटन के समय में पास हुआ।
लॉर्ड वेलिंगटन ने कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन – 1915 में हिस्सा लिया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता सर सत्येन्द्र प्रसाद सिन्हा ने की थी।
3 जनवरी, 1932 को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ हुआ।