परंपरागत तरीके जैसे - हल, बैल, कुदाल आदि की सहायता से की जाने वाली कृषि, जिसमें फसल उत्पादन जीवन निर्वाह के लिए किया जाता है, निर्वाहक कृषि कहलाती है।
इस कृषि (Agriculture) पर जनसंख्या का बोझ अधिक होता है, एवं आधुनिक तकनीक (Modern Technology) का प्रयोग लगभग शून्य होता है।