अकबर के विचार सुलह-ए-कुल का आशय सार्वभौमिक शांति (Universal Peace) था।
अकबर ने इस्लामी सिद्धांत के स्थान पर "सुलह-ए-कुल" की नीति अपनाया था।
- अकबर ने 1582 में धर्मों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए तौहीद-ए-इलाही (दीन-ए-इलाही) नामक एक नया पंथ चालाया था।
- तौहीद-ए-इलाही की दीक्षा लेने का दिन रविवार था।
- दीन-ए-इलाही धर्म को मानने वाले को पूर्ण समर्पण सम्राट के समक्ष करना होता है। जिसके अन्तर्गत शरीर, मान-सम्मान, धन-सम्पत्ति और धर्म प्रतीकात्मक रूप से समर्पण करना होता है।
- 'दीन-ए-इलाही' अकबर की मृत्यु के साथ ही खत्म हो गई।