दल-बदल अधिनियम के द्वारा यह व्यवस्था की गई कि यदि कोई संसद-सदस्य या विधानसभा-सदस्य दल-बदल करता है या दल द्वारा निकाल दिया जाता है।
जिसने उसे चुनाव में खड़ा किया था, या कोई निर्दलीय उम्मीदवार जो चुने जाने के छह महीने के अंदर किसी राजनीतिक दल का सदस्य बन जाता हैं।
वह सदन का सदस्य होने के अयोग्य करार दिया जाएगा। इस अधिनियम में राजनीतिक दलों (Political Parties) के विभाजन तथा विलय के संबंध में समुचित प्रावधान है।