कृषि का 'काटो और जलाओ' प्रतिरूप भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य प्रदेश में प्रचलित है। कृषि के इस प्रतिरूप को झूमिंग कृषि भी कहा जाता है।
कृषि के इस प्रतिरूप के कई स्थानीय नाम हैं। कृषि की इस पद्धति को असम में झूम, मध्य प्रदेश में बेबार, राजस्थान में बालाड़ा, केरल में कुमारी ओणम तथा आंध्रप्रदेश में पोडु के नाम से जाना जाता है।
इंडोनेशिया तथा मलेशिया में झूम कृषि को क्रमशः हूमा और लदांग के नाम से जाना जाता है । म्यांमार में इस पद्धति को 'तुग्किया' तथा ब्राजील में इसे 'रोका' के नाम से जाना जाता है।