कृत्रिम सेटेलाइट के अन्दर व्यक्ति भारहीन महसूस करता है क्योंकि पृथ्वी के आकर्षण का बल – Kramit Satellite Ke Andar Vyakti Bhari Hi Mahsus Karta Hai Kyunki Prithvi Ke Aakarshan Ka Bal
(A) उस स्थान पर शून्य होता है।
(B) चन्द्रमा के आकर्षण के बल द्वारा संतुलित होता है।
(C) अभिकेन्द्र बल के समान होता है।
(D) सेटेलाइट के विशेष डिजाइन के कारण प्रभावहीन होता है।