यह जंतु त्रिस्तरीय होते हैं लेकिन इनमें शरीर गुहा (Body Cavity) का अभाव रहता है। यह पृष्ठ अधोदिशा में चपटे होते हैं, इसलिए इन्हें चपटे कृमी कहते हैं।
इनका पाचन तंत्र अपूर्ण होता है और रक्त परिसंचरण-तंत्र, स्वसन तंत्र एवं कंकाल तंत्र का अभाव रहता है। उत्सर्जन फ्लेम कोशिकाओं द्वारा होता है। ये उभयलिंगी होते हैं जिनमें आंतरिक निषेचन पाया जाता है।
उदाहरण: प्लेनेरिया, टीनिया सोलियम (पोर्क फीता कृमि), फेसियोला (लीवर फ्लूक), शिस्टोजोमा।