गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य, 1967: इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने यह निर्णय दिया कि मौलिक अधिकार को संविधान में सर्वोपरि स्थिति प्रदान की गई है, इसलिए संसद अनुच्छेद 368 द्वारा मौलिक अधिकारों( Fundamentals Rights)में कोई परिवर्तन नहीं कर सकती है।