वामन राव बनाम भारत संघ, (1981): इस वाद में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court)ने यह स्पष्ट कर दिया कि आधारिक लक्षण का सिद्धांत 24-4-1973 (यह केसवानंद भारती के निर्णय सुनाए जाने की तारीख है) के पश्चात पारित संविधान संशोधन अधिनियम पर लागू होगा, अर्थात भविष्य लक्षी रूप से लागू होगा, पूर्ववर्ती विधान का अर्थात भूतलक्षी रुप से लागू नहीं होगा।