1908 में अंग्रेजों द्वारा कैद कर लिए जाने पर बाल गंगाधर तिलक को मांडले भेज दिया गया था।
Note :
केसरी में प्रकाशित लेखों के लिए जून, 1908 में गिरफ्तार कर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया, जिसके अंतर्गत तिलक को 6 वर्ष की सजा दी गई। इस दौरान इन्हें मांडले जेल में रखा गया था।