एडहॉक ट्रेजरी बिल्स की भारत में शुरुआत वर्ष 1955 में हुई थी। यह रिजर्व बैंक के नाम से ही निर्गमित होती है तथा सरकार की अत्यंत ही अस्थायी फंड संबंधी आवश्यकता की पूर्ति के लिए निर्गमित की जाती है। इनका प्रत्यक्ष तथा तत्काल मौद्रिककरण हो जाता है, क्योंकि इनके निर्गमित होने के साथ ही रिजर्व बैंक की संपत्ति बढ़ जाती है और अनुषंगी रूप में मुद्रा दायित्व में वृद्धि होती है। एडहॉक ट्रेजरी बिल्स का निर्गमन 31 मार्च, 1997 से बंद कर दिया गया है और इसके स्थान पर अर्थोपाय अग्रिम की योजना लागू की गई।
अतः उपरोक्त सभी विकल्पों (d) में से विकल्प सही होगा ।