धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion): संविधान की उद्देशिका में कहा गया है कि हमारा गणराज्य अन्य बातों के साथ-साथ पंथनिरपेक्ष है। (42वें संशोधन द्वारा उद्देशिका में पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया।) संविधान में पंथनिरपेक्षता की अवधारणा धर्मविहीन राज्य की अवधारणा नहीं है। इसका अर्थ है कि राज्य का अपना कोई धर्म नहीं है, सभी धर्मों को समान आदर तथा संरक्षण प्राप्त है, धर्म के आधार पर किसी के साथ विभेद नहीं किया जाएगा और प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की पूर्ण तथा समान स्वतंत्रता प्राप्त है। अनुच्छेद 25 से 28 में सभी व्यक्तियों को धर्म के सभी पक्षों में स्वतंत्रता के अधिकार के उपबंधो का वर्णन है।