भारत में वित्तीय क्षेत्र के सुधारों में उपर्युक्त तीनों शामिल हैं। समग्र आर्थिक सुधारों में अनेक क्षेत्रों को समाहित किया गया है। ये क्षेत्र हैं :-
(1) सी.आर.आर. और एस.एल.आर. को कम करना
(2) औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रथा को हटाना
(3) विदेशी निवेश पर प्रतिबंध हटाना,
(4) आयात शुल्क में कमी लाना एवं मात्रात्मक तरीकों को चरणबद्ध तरीके से हटाना,
(5) बाजार की शक्तियों द्वारा विनिमय दर का निर्धारण, वित्तीय क्षेत्र में सुधार,
(6) पूंजी बाजार का उदारीकरण,
(7) सार्वजनिक क्षेत्रों में निजी क्षेत्र का निवेश, निजीकरण,
(8) उत्पाद शुल्क में कमी, ब्याज दर का अविनियमन
(9) आय और निगम कर में कटौती, सेवा कर शुरू करना,
(10) शहरी सुधार, गैर-विकास मूलक व्यय में कमी (सरकारी स्टाफ कम करना),
(11) पेंशन संबंधी सुधार,
(12) मूल्य संवर्द्धित कर शुरू करना,
(13) रियायतों में कमी,
(14) एफ.आर.बी.एम. एक्ट, 2003 का परिपालन आदि।
(15) बीमा क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रवेश
अतः उपरोक्त विकल्प में से विकल्प (d) सही होगा।