1950 ईस्वी के पश्चात कुछ स्थानों पर उत्खनन से ज्ञात हुआ कि हड़प्पा-संस्कृति से भी पहले एक संस्कृति अस्तित्व में रह चुकी थी।
विद्वानों द्वारा इन नवीन सभ्यता को पूर्व हड़प्पा- संस्कृति का नाम दिया गया है। इस नवीन खोज के बाद सिंधु सभ्यता या हड़प्पा संस्कृति को परिष्कृत हड़प्पा संस्कृति की संज्ञा दी गई है।
इस नवीन पूर्व हड़प्पा- संस्कृति की खोज से यह प्रमाणित हुआ कि सिंधु सभ्यता का विकास अचानक या पृथक रूप से नहीं हुआ था।
बल्कि यह उस संस्कृति का संभवत: विकसित रूप है जिसे पूर्व हड़प्पा संस्कृति कहा गया है।