महात्मा गाँधी ने रॉलेट एक्ट के विरूद्ध सत्याग्रह 1919 ई० में किया था।
ब्रिटिश शासन द्वारा मार्च 1919 में लाए गए रॉलेट एक्ट का मुख्य उद्देश्य क्रांतिकारियों और राष्ट्रवाद का दमन करना था। जब रॉलेट एक्ट पारित हुआ, उस समय भारत का वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड था। इस औपनिवेशिक कानून को बिना दलील, बिना वकील, बिना अपील, वाले कानून भी कहा जाता है। रॉलेट एक्ट के विरोध में महात्मा गाँधी ने देशव्यापी सत्याग्रह चलाने का निर्णय लिए।
रॉलेट एक्ट के दौरान पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ. सैफुद्दीन किचलू और डॉ० सतपाल की गिरफ्तारी और ब्रिटिश दमन का विरोध करने के लिए 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में एक सार्वजनिक सभा बुलाई गई थी। जहाँ पर जनरल डायर द्वारा निहत्थे भीड़ पर गोलियां चलाने का आदेश दिया जिसमें लगभग 1,000 लोगों की हत्या कर दी गई।
जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् की सदस्यता से के. शंकरन नायर ने इस्तीफा दे दिया।