बैंकिंग सेवाओं में कमी से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों के समाधान हेतु भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त अधिकारी को बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) कहा जाता है।
14 जून, 1995 से बैंकिंग लोकपाल योजना की शुरुआत की गई। इस योजना में दो बार (वर्ष 2002 एवं 2006) में संशोधन किया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने उन सभी वाणिज्यिक बैंकों, जिनकी शाखाएँ 10 या उससे अधिक है, तो ग्राहकों की शिकायतों की समीक्षा करने के लिए एक स्वतंत्र आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दिया है।