सहायक संधि की प्रणाली को स्वीकार करने वाला भारतीय मूल का पहला शासक हैदराबाद के निजाम (Nizam of Hyderabad) था।
लॉर्ड वेलेजली ने सहायक संधि चलाया था।
- लॉर्ड वेलेजली का कार्य काल भारत में 1798-1805 तक था।
- 'सहायक संधि' भारत में अंग्रेजी सत्ता की श्रेष्ठता स्थापित करने तथा फ्रांसीसियों के भय से चलाया गया था।
- सहायक संधि स्वीकार करने वाले राज्यों का वैदेशिक संबंध अंग्रेजी राज्य के अधीन हो जाता था।
- सहायक संधि स्वीकार करने वाले राज्य के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जाता था।
सहायक संधि स्वीकार करने वाले राज्य—
- हैदाराबाद 1798 ई०
- मैसूर-1799,
- तंजौर-1799,
- अवध-1801,
- पेशवा-1802,
- भोंसले-1803,
- सिंधिया-1804 आदि शामिल थे।
- जोधपुर, जयपुर, मच्छेड़ी, बूंदी तथा भरतपुर ने भी सहायक संधि स्वीकार की थी।