भारत के संविधान के न्यायिक समीक्षा के अंगों/प्रावधानों को संशोधित नहीं किया जा सकता है।
न्यायिक समीक्षा का प्रावधान अमेरिका के संविधान से भारतीय संविधान में लिया गया है।
- संविधान न्यायपालिका (सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय) को न्यायिक समीक्षा की शक्ति देता है।
- न्यायिक समीक्षा, विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका आदेशों की संवैधानिकता की जाँच करना न्यायापालिका की शक्ति है।
- न्यायिक समीक्षा संविधान की सर्वोच्चता बनाए रखने, संघीय संतुलन बनाए रखने तथा मूल ढाँचा की रक्षा के लिए आवश्यक है।
- भारतीय संविधान में "न्यायिक समीक्षा" शब्द का उपयोग नहीं किया गया है।