सुरक्षा परिषद की संरचना और कार्यों पर प्रकाश डालें। Suraksha Parishad Ki Sanrachna Aur Karyon Par Prakash Dalen
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सुरक्षा परिषद की संरचना और कार्यों पर प्रकाश डालें। Suraksha Parishad Ki Sanrachna Aur Karyon Par Prakash Dalen. Or, Describe the Structure and Functions of the Security Council of UNO in Hindi.

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सुरक्षा परिषद् (Security Council) : सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की पूँजी है, जिसकी सदस्य संख्या 15 है। जिनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य हैं।

10 अस्थायी सदस्यों में 5 स्थान अफ्रीकी एशियाई राज्यों, 2 स्थान लैटिन अमेरिकी राज्यों, 2 स्थान पश्चिमी यूरोपियन राज्यों और एक स्थान पूर्वी यूरोपीयन राज्यों को दिया जाता है।

अस्थायी सदस्यों को दो वर्ष के लिए ही सदस्यता प्राप्त होती है। वर्त्तमान समय में भारत भी सुरक्षा परिषद् का एक अस्थायी सदस्य है ।

सुरक्षा परिषद के कार्य (Functions of the Security Council) —

अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुरक्षा परिषद् एक अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण संगठन है।

साधारण मामलों में कोई भी निर्णय 9 सदस्यों के बहुमत से लिया जाता है, और प्रत्येक सदस्य को समान अधिकार प्राप्त होता है।

लेकिन असाधारण मामलों में स्थायी सदस्यों के वीटो नामक विशेषाधिकार प्राप्त है।

इस स्थिति में कोई भी निर्णय तभी लिया जा सकता है, जब उनपर सभी पाँचों स्थायी सदस्यों की सहमति हो।

सुरक्षा परिषद के अधिकार क्षेत्र कोफी व्यापक हैं। इसके कार्यों की विवेचना निम्नवत् की जा सकती है —

  • यह विश्व शान्ति और सुरक्षा के खतरे की स्थिति में दोनों विवादी पक्षों को शान्ति का रास्ता अपनाकर समस्या के समाधान का प्रयास करती है।
  • अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष का रूप धारण कर सकने वाले विवादों की जाँच-पड़ताल का कार्य सुरक्षा परिषद कर सकती है।
  • यह इस बात का निर्णय करती है, कि कौन-से कार्य शांति को भंग कर सकता है। अर्थात् कौन-सा प्रयास आक्रमण का प्रयास समझा जा सकता है।
  • अपने निर्णयों को मनवाने के लिए यह आर्थिक सम्बन्ध विच्छेद, राजनीतिक सम्बन्ध विच्छेद आदि जैसी दबावकारी साधनों का प्रयोग कर सकती है। 1990-91 में इसके द्वारा कुवैत पर आक्रमण की घटना के पश्चात् सुरक्षा परिषद् ने ऐसे साधनों का प्रयोग किया।
  • आवश्यकता पड़ने पर चार्टर के अनुच्छेद 42 एवं 47 के प्रावधान के अनुसार सुरक्षा परिषद सैनिक कार्यवाही कर सकती है। ऐसी कार्यवाही 1991 में इराक के विरुद्ध की गयी।
  • स्थानीय विवादों के समाधान हेतु सुरक्षा परिषद प्रादेशिक संगठन और अभिकरणों का सहारा ले सकती है।
  • सामरिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र जो संयुक्त राष्ट्र संघ के संरक्षण में हों, की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक प्रगति के लिए सुरक्षा परिषद आवश्यक कार्यवाही कर सकती है।

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