भारत में दालों का उत्पादन (Production of Pulses in India) —
दालों की खेती सम्पूर्ण भारत में होती और ये हम भारतवासियों के भोजन (Food) के मुख्य अंग है।
इसमें चना, अरहर, मूँग, मसूर तथा उड़द विशेष रूप से प्रमुख हैं।
दालों की दो मुख्य उपयोगिताएँ हैं —
- कृषि संबंधी तथा
- आहार संबंधी।
दाल के पौधों में सबसे बड़ा गुण यह है, कि इसके द्वारा भूमि को नाइट्रोजन (Nitrogen) मिलता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति (Fertility) में वृद्धि होती है।
साथ ही, इनमें प्रोटीन (Protein) की मात्रा बहुत अधिक होती है, अतः मनुष्य के आहार में भी इनकी प्रधानता रहती है।
इस प्रकार दालें भारतीय कृषि (Indian Agriculture) की मुख्य उपजों में है। ये मुख्यतः रबी की फसल (Rabi Crops) हैं।
इनकी खेती विशेषतः अन्य फसलों के साथ मिश्रित तौर पर की जाती है। देश के सभी भागों में प्राय: किसी न किसी दाल की खेती अवश्य ही होती है।
द्वितीय योजनाकाल में चना एवं अन्य दालों के उत्पादन में 25 लाख टन की वृद्धि का आयोजन था।