गुप्तकाल (Gupt Kaal) सती प्रथा का उल्लेख मिलता है। ऐरण शिलालेख (510 ई०) में उल्लेख है कि गोपराज नामक सेनापति की पत्नी युद्ध में अपने पति की मृत्यु के बाद सती हो गयी थी।
हर्ष की माता यशोमति अपने पति की सम्भावित मृत्यु मात्र पर ही 604 ई० में सती हो गयी थी।
गुप्तकाल के पूर्व महाभारत में सती प्रथा का उल्लेख प्राप्त होता है। पाण्डु की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी माद्री उसके साथ सती हो गयी थी।
कृष्ण की मृत्यु के बाद उसकी पत्नियाँ भी उसके साथ सती हो गई थीं।
महाभारत के आदि पर्व में सती प्रथा का समर्थन किया गया है। फिर भी यह कहा जायेगा की सती प्रथा आम नहीं था अपवाद स्वरूप थी।