लाल मिट्टी की उर्वरता चुना(chuna) का इस्तेमाल कर बढ़ाई जा सकती है।
- इसका निर्माण जलवायविक परिवर्तनों के परिणामस्वरूप रवेदार एवं कायान्तरित शैलों के विघटन एवं वियोजन से होता है ।
- इस मिट्टी में सिलिका एवं आयरन की बहुलता होती है ।
- लाल मिट्टी का लाल रंग लौह ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण होता है, लेकिन जलयोजित रूप में यह पीली दिखाई पड़ती है ।
- यह अम्लीय प्रकृति की मिट्टी होती है।
- इसमें नाइट्रोजन, फॉरस्फोरस एवं ह्यूमस की कमी होती है ।
- यह मिट्टी प्रायः उर्वरता - विहीन बंजर भूमि के रूप में पायी जाती है ।
- इस मिट्टी में कपास, गेहूँ, दालें तथा मोटे अनाजों की कृषि की जाती है ।
भारत में यह मिट्टी आन्ध्र प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के पूर्वीभाग, छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र, प० बंगाल के उत्तरी पश्चिमी जिलों, मेघालय की गारो, खासी एवं जयन्तिया के पहाड़ी क्षेत्रों, नगालैंड, राजस्थान में अरावली के पूर्वी क्षेत्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं कर्नाटक के कुछ भागों में पायी जाती है ।