मेगास्थनीज ने मौर्यकालीन नगर प्रशासन का सबसे विस्तृत एवं विशद वर्णन किया हैं।
उनके अनुसार नगर का शासन प्रबन्ध 30 सदस्यों की एक समिति के हाथ में था। यह समिति छ: समितियों में विभक्त थी।
प्रत्येक समिति में पाँच सदस्य होते थे, ये समितियाँ इस प्रकार थीं—
i. शिल्पकला समिति— इस समिति के लोग उद्योग धन्धों का निरीक्षण एवं प्रबंध करते थे।
ii. जनगणना समिति— यह समिति जन्म-मरण का लेखा रखती थी।
iii. वाणिज्य समिति— यह समिति नाप-तौल का निरीक्षण, क्रय-विक्रय का निरीक्षण तथा प्रबंध करते थे।
iv. उद्योग समिति— यह समिति उत्पादित वस्तुओं की देखभाल करती थी।
v. कर समिति– इस समिति का प्रमुख कार्य कर वसूल करना था।
vi. विदेश यात्री समिति— यह समिति विदेशियों के रहने तथा भोजन आदि की व्यवस्था करती थी।