पुल्केशिन द्वितीय (Pulkeshin Second) चालुक्य राजवंश (Chalukya Dynasty) का सर्वाधिक प्रख्यात शासक था।
पुल्केशिन-II ने हर्षवर्द्धन को हराकर परमेश्वर की उपाधि धारण की थी। इन्होंने दक्षिणेश्वर की उपाधि भी धारण की थी।
पल्लव वंश के शासक नरसिंह वर्मन प्रथम ने पुलकेशिन-II को परास्त किया और उनकी राजधानी बादामी पर अधिकार कर लिया। विजय के बाद नरसिंह वर्मन प्रथम ने वातापीकोण्ड की उपाधि धारण की।
- एहोल अभिलेख का संबंध पुल्केशिन-II से है।
- अजन्ता के एक गुहाचित्र में फारसी दूत- मंडल को स्वागत करते हुए पुल्केशिन-II को दिखाया गया है।
- होयसल वंश स्थापना विष्णुवर्धन ने की थी।
- होयसल वंश का अंतिम शासक वीर बल्लाल तृतीय था, जिन्हें मलिक काफूर ने हराया था।