राजनीतिक दलों को लोकतंत्र का प्राण कहा गया है। प्रातिनिधिक लोकतंत्र को राजनीतिक दल ही व्यावहारिक रूप देते हैं।
लोकतंत्र में राजनीतिक दल निम्नांकित महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं—
- जनता को शिक्षित करना — आज का राजनीतिक जीवन बहुत जटिल हो गया है। राजनीतिक मामलों में जनता को शिक्षित करने का काम राजनीतिक दल ही करते हैं।
वे अपने कार्यक्रम, नीति और दृष्टिकोण जनता के सामने रखते हैं। इससे जनता को राजनीतिक शिक्षा मिलती है।
- जनमत का निर्माण — राजनीतिक दल जनमत का भी निर्माण करते हैं। जनता के सामने अपने कार्यक्रम रखते हैं।
इससे जनता देश की राजनीतिक समस्याओं पर अपना मत निश्चित कर पाती है। इस तरह, ठोस जनमत का निर्माण संभव होता है।
- निर्वाचन में भाग लेना — राजनीतिक दलों का सबसे प्रमुख कार्य चुनाव में भाग लेना है।
चुनाव लड़ने के लिए वे अपने उम्मीदवार खड़े करते हैं। जिस राजनीतिक दल के अधिक लोग निर्वाचित होकर आते हैं उसी की सरकार बनती है।
- शासन चलाना — राजनीतिक दल देश के शासन में मुख्य रूप से भाग लेते हैं। जिस राजनीतिक दल की सरकार बनती है उसे सत्तारूढ़ दल कहा जाता है।
सत्तारूढ़ दल की बैठक में ही सरकार की महत्त्वपूर्ण नीतियों का निर्धारण होता है।
- जनता और सरकार के बीच कड़ी का काम करना — ये जनता की माँगों एवं इच्छाओं को सरकार के सामने लाते हैं तथा उसे क्रियान्वित करवाते हैं।
साथ ही, सरकार के कामों की जानकारी जनता तक पहुँचाकर दोनों के बीच कड़ी का काम करते हैं।
- विरोधी दल के रूप में — ये विरोधी दल के रूप में सरकार की नीतियों एवं कार्यों की आलोचना करते हैं। गलत नीतियों का विरोध कर सरकार पर नियंत्रण रखते हैं।