लगभग 60 ई०पू० में सातवाहन राज्य की नींव सिमुक(Simuk) ने रखी थी। यह गोदावरी तथा कृष्णा नदी के बीच का क्षेत्र था, जिसको अब आंध्र कहा जाता है।
शातकर्णि प्रथम सातवाहन वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। उसने अश्वमेघ यज्ञ किया और पूरे दक्कन पर अपनी प्रभुसत्ता की घोषणा की।
इस वंश का एक और प्रसिद्ध राजा गौतमीपुत्र शातकर्णी था, जिसने दूसरी शताब्दी, ई० के आरंभिक काल में शासन किया।
सातवाहन शासक अपने आपको ब्राह्मण कहते थे और विष्णुमत के अनुयायी थे। वे ब्राह्मणों को खुले दिल से दान देते थे।
उन्होंने बौद्धमत को भी संरक्षण दिया। अमरावती के स्तूप तथा कार्ले के चैत्य इसी काल में बनवाये।
साहित्य दृष्टि से इस काल में प्राकृत भाषा का उदय हुआ। इस काल के सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में हैं।