मेहरौली अभिलेख (Meharoli Inscription) में चंद्रगुप्त II के विजयों का उल्लेख किया गया है। यह लौह स्तंभ दिल्ली के मेहरौली नामक स्थान में कुतुबमीनार के समीप स्थित है।
इस स्तंभ पर एक लेख उत्कीर्ण है, जिसमें छः पंक्तियाँ हैं। इसमें चंद्र नामक राजा की विजयों का उल्लेख है।
इस लेख में कहा गया है कि उसने अपनी भुजाओं के बल पर अधिराज्य की स्थापना की थी। उसका शासन दीर्घकालीन था।
वंग युद्ध में उसने सम्मिलित रूप से आये शत्रुओं को भगा दिया था। युद्ध में सिन्धु नदी के सात मुखों को पार कर उसने वाहिलिकों को पराजित किया।
उसके शौर्य से आज भी दक्षिणी समुद्र गंधायमान है। जिस समय अभिलेख उत्कीर्ण कराया गया उस समय उस राजा की मृत्यु हो चुकी थी।
वह राजा वैष्णव धर्म का अनुयायी था। उसने विष्णुपद पर्वत पर विष्णु भगवान का ध्वज स्थापित कराया।
मेहरौली स्तंभ अभिलेख में जिस चंद्र नामक राजा का उल्लेख किया गया है वह गुप्तकालीन महान सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य था।