भारत में कीमतों में वृद्धि के एवज में सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले महँगाई भत्ते की गणना के लिए औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के माध्यम से मुद्रास्फीति की गणना की जाती है।
CPI के माध्यम सें मुद्रा स्फीति की गणना खुदरा बाजार के स्तर पर की जाती है।
प्रारम्भ में CPI के अन्तर्गत निम्न 4 सूचकांक जारी किए गए—
- औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
- ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
- कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सूचकांक
- श्रमिकेत्तर शहरी कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक।
औद्योगिक मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य (CPI-IW) की बास्केट में 463 वस्तुएँ और सेवाएँ है, और इसका आधार वर्ष वर्त्तमान में 2016 है।
मूल रूप से ये सूचकांक सरकारी कर्मचारियों के लिए है। इस सूचकांक में होने वाले बदलावों के आधार पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मजदूरी व वेतन संशोधित किया जाता है।
महँगाई भत्ता वर्ष में दो बार घोषित किया जाता है।