असहयोग आंदोलन के दौरान चौरी-चौरा की घटना उत्तर प्रदेश की गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में हुई।
चौरी-चौरा कांड 5 फरवरी, 1922 को हुआ था। चौरी-चौरा कांड से क्षुब्ध होकर महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिये।
- 12 फरवरी, 1922 को बारदोली में हुई कांग्रेस की बैठक में आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
- चौरी-चौरा घटना के बाद महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन को अपनी ‘'हिमालय जैसी भूल" बताई थी।
- दिल्ली में 24 फरवरी, 1922 को आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में असहयोग आंदोलन वापस लेने के लिए गाँधीजी के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव डॉ० बालकृष्ण शिवराम मुंजे ने प्रस्तुत कियें थे।
- असहयोग आंदोलन के दौरान विदेशी वस्त्रों के लिए जलाए जाने पर रवीन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी को लिखी की 'यह निष्ठुर बर्बादी' है।
- असहयोग आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण पटना कॉलेज छोड़ दिये, जबकि उनकी परीक्षा के केवल 20 दिन ही बचा था।