ऋग्वैदिक काल में परिवार की सम्पत्ति पर पिता का एकाधिकार होता था, पिता की मृत्यु के पश्चात् यह अधिकार पुत्र को मिलता था।
महाभारत में स्त्री को चल सम्पत्ति पर अधिकार था और वह स्वयं भी चल सम्पत्ति समझी जाती थी और उसे किसी अन्य को उपहार स्वरूप दिया जाता था।
महाभारत में युधिष्ठिर ने द्यूत क्रीड़ा के समय अपनी पत्नी द्रोपदी को दाँव पर लगाया और हार गया था। पारिवारिक सम्पत्ति पर स्त्री का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं था।