सांची का स्तूप विश्व के प्रमुख सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। यह स्तूप मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगरी विदिशा के समीप सांची की पहाड़ी पर स्थित है।
यह स्तूप आज भी अच्छी हालत में है, जबकि अन्य करीब-करीब नष्ट हो गये हैं। इस महास्तूप का निर्माण सम्राट अशोक कराया था।
महास्तूप में भगवान बुद्ध के, द्वितीय स्तूप में अशोककालीन धर्म प्रचारकों के एवं तृतीय स्तूप में बुद्ध के दो शिष्यों सारिपुत्र एवं महामोद्ग्ल्यायन के अवशेष रखे हुए हैं।
सांची के स्तूप का वर्णन श्रीलंका की बौद्ध पुस्तकें दीपवंश एवं महावंश में मिलता है।
सांची के स्तूप पर खुदे हुये लेख में बड़े-बड़े अमीर एवं व्यापारियों द्वारा दिये गये दान का वर्णन मिलता है। इसी दान से सांची का स्तूप निर्मित किये गये थे।