त्रिरत्न से आप क्या समझते हैं? Triratn Se Aap Kya Samajhte Hain?
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त्रिरत्न से आप क्या समझते हैं? Triratn Se Aap Kya Samajhte Hain?

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महावीर जैन के अनुसार संचित कर्मों से छुटकारा पाने के लिए तथा नए कर्मों को संचित होने से रोकने के लिए मनुष्य को निम्नलिखित तीन रत्नों का पालन करना चाहिए—

1. सम्यक विश्वासजैन धर्म के अनुसार मनुष्य को असत्य अंश का परित्याग करना तथा सत्य अंश को ग्रहण करना चाहिए।

इसके अतिरिक्त उन्हें 24 तीर्थंकरों में दृढ़ विश्वास रखना चाहिए तथा बड़ी श्रद्धा भक्ति से उनकी पूजा करनी चाहिए।

2. सम्यक ज्ञानजैनियों का विश्वास है कि संपूर्ण विश्व भौतिक एवं आध्यात्मिक अंशों से मिलकर बना है।

भौतिक अंश असत्य, अनित्य तथा अन्धकारमय है जबकि आध्यात्मिक अंश सत्य, नित्य तथा प्रकाशमय है।

3. सम्यक आचरणसम्यक आचरण से अभिप्राय: यह है कि मनुष्य को इन्द्रियों का दास न बनकर सदाचार का जीवन व्यतीत करना चाहिए और इसके लिए उसे अहिंसा, सत्य तथा ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

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