भारत में राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम (National Green Tribunal act) 2010 में पारित किया गया था।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की स्थापना 18 अक्टूबर, 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के तहत की गई थी।
NGT की स्थापना के साथ भारत एक विशेष पर्यावरण न्यायाधिकरण स्थापित करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया। इससे पहले केवल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में ही ऐसे किसी अधिकरण की स्थापना की गई थी।
NGT का मुख्यालय दिल्ली में है, जबकि अन्य चार क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, पुणे, कोलकाता एवं चेन्नई में स्थित हैं।
NGT में अध्यक्ष, न्यायिक सदस्य और विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते हैं, जिनका कार्यकाल 5 वर्षो का होता है।
NGT में अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।