मुगल काल में चित्रकला (Drawing) के क्षेत्र में काफी विकास हुआ। बाबर से लेकर शाहजहाँ के काल तक चित्रकला का काफी विकास हुआ।
जहाँगीर का दरबार हमेशा चित्रकारों से भरा रहता था। हुमायूँ जब ईरान के शाह के दरबार में था, तो वहाँ वह अनेक चित्रकारों के संपर्क में था।
कुछ प्रमुख चित्रकारों में सैयद अलि तबरीजी, ख्वाजा अब्दुल समद, जगन्नाथ, केसूलाल आदि थे। अकबरनामा, पंचतंत्र, महाभारत आदि पुस्तकों को चित्रित किया गया।