डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने संविधान के मूल अधिकारों में उल्लिखित सांविधानिक उपचारों के अधिकार (अनु. 32 ) को संविधान का हृदय व आत्मा कहा था। यह अधिकार मूल अधिकारों को पांच प्रकार की रिटों - बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार-पृच्छा के माध्यम से लागू कराने की गारंटी प्रदान करता है। उच्चतम न्यायालय को इन रिटों को अनु. 32 के तहत जारी करने का अधिकार है जबकि अनुच्छेद 226 के अधीन उच्च न्यायालय इन रिटों को जारी कर सकता है।
अतः उपरोक्त सभी विकल्पों में से विकल्प (b) सही होगा।