गुरु नानक का जन्म पंजाब के गुजरानवाला जिले में 1498 में रावी नदी के तट पर स्थित तलवंडी (ननकाना साहिब) नामक ग्राम में हुआ था।
कबीर की भाँति नानक ने भी धार्मिक आडम्बरों, कर्मकांडों, अवतारवाद, मूर्तिपूजा, ऊँच-नीच आदि का विरोध किया और निर्गुण (Nirguna) एवं निराकार ईश्वर की पूजा पर बल दिया।
हिन्दू-मुस्लिम एकता के वे प्रबल समर्थक थे, उन्होंने सिक्ख धर्म की स्थापना की, शारीरिक श्रम द्वारा जीविकोपार्जन पर आधारित नई समाज की स्थापना नानक द्वारा की गई।
नानक की वाणी ने कालांतर में गुरु गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) को व्यापक सिद्धांतों के आधार पर एक नये धर्म की स्थापना के लिए प्रेरित किया।
नानक के उपदेशों का संग्रह गुरु ग्रन्थ साहिब (Guru Granth Sahib) में है, जो सिक्खों का धर्म ग्रन्थ है।