मोरक्को निवासी इब्नबतूता ने अपनी भारत यात्रा के बाद स्वदेश लौटने पर यात्रा वृतांत लिखा। इब्नबतुता ने रेहला में तुगलक को कठोर एवं निर्दयी शासक बताया है।
उसने छोटे-छोटे अपराधों के लिए अपराधियों का अंग काट लेने की बात कही है। किसी गलतफहमी का शिकार होकर इब्नबतुता को भी कारागार में डाल दिया गया था।
बाद में गलतफहमी दूर होने पर उसे राजकीय सेवा में लेकर दिल्ली का काजी नियुक्त किया था। दूसरी तरफ उसकी धार्मिकता की प्रशंसा करते हुये सच्चा मुसलमान बताया है।