1907 ई० में कांग्रेस का विभाजन गरम दल एवं नरम दल में हो गया। काँग्रेस में विभाजन का मुख्य कारण स्वदेशी आंदोलन के दौरान स्वराज्य, वॉयकॉट, स्वदेशी; राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रस्ताव पुरे भारत में नही लागू करना था।
गरम दल के नेता इसे पूरे भारत में जबकि नरम दल के नेता इसे सिर्फ बंगाल में लागू करना चाहते थे।
गरम दल के प्रमुख नेता लाल बाल, पाल थे जबकि नरम दल के नेता दादा भाई नौरोजी, रास बिहारी घोष आदि थे।