स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi movement) 1905 ई० में बंगाल विभाजन के खिलाफ चलाया गया आंदोलन था।
इसमें अंग्रेजी वस्तुओं के बहिष्कार एवं स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया गया था।
गरम दल के नेता तिलक इसे पूरे देश में लागू करना चाहते थे। इस आंदोलन में किसान, छात्र, महिलाएँ आदि की महती भूमिका रही।