प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान कांग्रेस के दोनों धड़ों में एकता, कांग्रेस-लीग एकता एवं सहयोग की भावना के साथ-साथ स्वराज्य की प्राप्ति के लिए होमरूल आंदोलन (Home-Rule Movement) जोर पकड़ने लगा।
तिलक मांडले जेल से वापस आने के बाद आयरलैंड की तर्ज पर होमरूल आंदोलन चलाने का निश्चय किया। 1916 में एनीवेसेंट और तिलक ने अखिल भारतीय होमरूल लीग की स्थापना किये।
एनीवेसेंट द्वारा स्थापित होमरूल लीग की शाखा पूरे देश में खोली गई। इसमें मोतीलाल नेहरू, तेज बहादुर स्प्रू जैसे प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।
होमरूल आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य जनता द्वारा गृहशासन की स्थापना करना था।
इस आंदोलन ने उग्रवाद और क्रांतिकारी मार्ग छोड़कर भारतीयों में शांतिपूर्ण वैधानिक संघर्ष के लिए जनमानस को तैयार किया।