बाढ़, भूकम्प जैसी प्राकृतिक क्रियाओं के कारण बड़े-बड़े घने जंगल पृथ्वी (Earth) के गर्त्त मे दब जाते हैं। उनके ऊपर अधिक मिट्टी जम जाने के कारण उनका सम्पर्क हवा (Air) से टूट जाता है।
इस प्रकार कुछ वर्षों के बाद उच्च दाब व उच्च ताप (High Temperature) पर वायु की अनुपस्थिति में अवसादी चट्टानों के रूप में जम जाते हैं।
निरंतर और धीरे-धीरे दाब बढ़ने के कारण ये पीट, फिर लिग्नाइट में बदल जाते हैं।उसके बाद कोयले में बदल जाते हैं, इस प्रकार प्रकृति में कोयला (Koyla) बनता है।