भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्याय शब्द का प्रयोग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के अर्थ में किया गया है ।
Note :-
प्रस्तावना संविधान का दर्शन एवं कुंजी है । जब किसी विषय पर विवाद होता है, तो अन्ततः प्रस्तावना के आधार पर न्यायालय फैसला देती है ।
प्रस्तावना में अब तक एक बार संशोधन हो चुका है ।
प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखण्डता शब्दों को 42वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया है।