सजीवों के वर्गीकरण की मूल इकाई जाति (Species) को कहा जाता है।
कैरोलस लीनियस ने अपनी पुस्तक 'Systema Naturae' में सम्पूर्ण जीवधारियों को दो जगतो पादप जगत और जन्तु जगत में विभाजित किया।
प्राणी वर्गीकरण का पदानुक्रम— संघ, वर्ग, गण, कुल, वंश प्रजाति है।
प्राणी वर्गीकरण में सबसे बड़ा भाग संघ है और सबसे छोटा भाग प्रजाति है।
अरस्तू द्वारा समस्त जीवों की दो समूहों में विभाजित किया—
(i) जन्तु समूह एवं (ii) वनस्पति समूह
व्हिटेकर ने जीवित जीवों को निम्नलिखित पाँच जगतो में वर्गीकित किया है—
(i) जगत मोनेरा — इसमें प्राकैरियोटिक जीवाणु तथा नील हरित शैवाल आते हैं।
(ii) जगत प्रोटिस्टा — इसमें एक कोशिका यूकैरियोटिक, जीव प्रोटोजोआ, फंजाई, एल्गी आते हैं।
(iii) जगत फंजाई — इसमें शैवाल आते हैं।
(iv) जगत प्लांटी — इसमें पादप आते है।
(v) जगत एनिमेलिया — इसमें जन्तु आते हैं ।