मुद्रा अवमूल्यन (Currency Devaluation) का परिणाम निर्यात में वृद्धि तथा भुगतान संतुलन में सुधार लाना है ।
Note :-
अवमूल्यन का अर्थ है, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा की तुलना में किसी देश की मुद्रा का मूल्य कम करना ।
ऐसा करने का उद्देश्य आयात कम करना, निर्यात को बढ़ाना और भुगतान संतुलन करना होता है ।
भारत में 1949, 1966 और 1991 में मुद्रा का अवमूल्यन हुआ है (स्वतंत्र भारत में)