जिबरेलिन (Gibberellin) पादप हॉर्मोन पौधे के तने के विकास में मदद करता है।
जिबरेलिन्स की खोज कुरोसावा नामक वैज्ञानिक द्वारा 1926 में किया गया था।
जिबरेलिन का कार्य निम्न है—
(i) पुष्प एवं फलो के विकास में सहायक होना
(ii) प्रसुप्ति भंग करना तथा बीजों में अंकुरण बढ़ाना
(iii) कैम्बियम की सक्रियता को बढ़ाता है।
(iv) अनिषेकफलन (parthenocarpy)
(v) कोशिका दीर्घकरण
- बोलिंग प्रभाव – इसके द्वारा द्विवर्षी पौधे एकवर्षी हो जाते हैं तथा नाटे पौधे लम्बे हो जाते हैं।