"ऐसा कोई भी समाज निश्चित रूप से समृद्ध और खुशहाल नहीं हो सकता है, जिसके सदस्यों का काफी बड़ा हिस्सा गरीब और दयनीय स्थिति में हो।" उपरोक्त कथन किसका है?
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"ऐसा कोई भी समाज निश्चित रूप से समृद्ध और खुशहाल नहीं हो सकता है, जिसके सदस्यों का काफी बड़ा हिस्सा गरीब और दयनीय स्थिति में हो।" उपरोक्त कथन किसका है? Aisa Koi Bhi Samaj Nishchit Roop Se Samriddh Aur khushhal Nahin Ho Sakta Hai, Jiske Sadasyon Ka Kafi Bada Hissa Garib Aur Daniya Sthiti Mein Ho Uprokt Kathan Kiska Hai?

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"ऐसा कोई भी समाज निश्चित रूप से समृद्ध और खुशहाल नहीं हो सकता है, जिसके सदस्यों का काफी बड़ा हिस्सा गरीब और दयनीय स्थिति में हो" उपरोक्त कथन एडम स्मिथ (Adam Smith) का है।

  • “अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है"— यह कथन एडम स्मिथ का है।
  • 1776 ई० में प्रकाशित एड्म स्मिथ की किताब "द वेल्थ ऑफ नेशंस" को पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का उद्गम स्त्रोत माना जाता है।
  • अर्थशास्त्र का पिता या जनक एडम स्मिथ को माना जाता है।
  • किसी देश की आर्थिक संवृद्धि का सर्वाधिक उपयुक्त मापदण्ड प्रति व्यक्ति वास्तविक आय होता है।
  • महबूब-उल-हक ने आर्थिक विकास को "गरीबी के विरुद्ध लड़ाई" के रूप में परिभाषित किया।
  • भारतीय मूल के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन ने आर्थिक विकास को अधिकारिता तथा क्षमता के विस्तार के रूप में परिभाषित किया।
  • भारत सरकार ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया है।

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