प्राथमिक तरंगे (Primary Waves) सबसे तीव्र भूकंपीय तरंगें हैं।
पृथ्वी के अन्तर्जात एवं बहिर्जात बलों के कारण उर्जा का निष्कासन होता है जो सभी दिशाओं में फैलकर कम्पन उत्पन्न करती है जिसे भूकम्प (Earthquake) कहते हैं।
जिस स्थान से भूकम्पीय तरंगें उत्पन्न होती हैं उसे भूकम्प केन्द्र (Focus) कहते हैं।
भूकम्पीय तरंगों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है, जो निम्न है—
(i) प्राथमिक तरंगें (P-waves) – ये अनुदैर्ध्य प्रकृति की होती है। यह ठोस के साथ-साथ तरल में भी गमन कर सकती है।
(ii) द्वितीयक या अनुप्रस्थ तरंग (Secondary Or Longitudinal Waves) – ये अनुप्रस्थ प्रकृति की होती है। यह केवल ठोस माध्यम में ही गमन कर सकती है। इसकी गति प्राथमिक तरंग की अपेक्षा 40% कम होती है।
(iii) धरातलीय तरंग (Surface Waves) – ये पृथ्वी के ऊपरी भाग को ही प्रभावित करती है। यह सबसे विनाशकारी होता है।