सविनय अवज्ञा आंदोलन के क्या कारण थे? Savinay Avagya Aandolan Ke Kya Karan The?
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सविनय अवज्ञा आंदोलन के क्या कारण थे? Savinay Avagya Aandolan Ke Kya Karan The? Or, सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारणों की विवेचना करें। Or, What Were the Causes of Civil Disobedience Movement in Hindi? Or, सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारणों पर एक टिप्पणी लिखें। Or, Write a Note About the Causes of Civil Disobedience Movement?

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सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) के निम्नलिखित कारण थे-

  1. सामान कमीशन का भारत आना- असहयोग आंदोलन के पश्चात भारत का राजनीतिक वातावरण अशांत हो चुका था। अतः, सन् 1928 ई० में इस आयोग के बंबई आने पर इसका व्यापक रूप से विरोध किया गया।क्योंकि इसमें किसी भी भारतीय को सम्मिलित नहीं किया गया था। यह आयोग एक प्रजाति विभेद का उदाहरण था। विरोध को दबाने के लिए सरकार ने दमनचक्र चलाया। जिसका परिणाम विपरीत साबित हुआ एवं राजनीतिक संघर्ष और भी बढ़ गया।
  2. नेहरू रिपोर्ट- सन् 1928 ई० में ही मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता वाली समिति ने भारत को डोमिनियन स्टेटस का दर्जा देने की मांग की परंतु इसे सभी दलों ने स्वीकार नहीं किया। 
  3. आर्थिक मंदी का प्रभाव- 1929-30 ई० की विश्वव्यापी आर्थिक महामंदी ने तो भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की कमर ही तोड़ डाली थी। मूल्य वृद्धि से महंगाई बढ़ गई। जिससे भारतीय किसानों पर काफी बुरा असर पड़ा और इससे सरकार के विरुद्ध आक्रोश और भी बढ़ गया। 
  4. समाजवाद का बढ़ता प्रभाव- कांग्रेस के अंदर जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस पर नई नीति अपनाने और पूर्ण स्वराज की मांग के लिए दबाव डाला। क्योंकि, ये औपनिवेशिक स्वराज से संतुष्ट नहीं थे और पूर्ण स्वराज की मांग कर रहे थे। इसके लिए नेहरू और बोस ने इंडिपेंडेंस लिग की स्थापना की।
  5. क्रांतिकारी गतिविधियों में वृद्धि- सरकारी नीतियों के प्रतिक्रिया स्वरूप देश में विशेषता; पंजाब, उत्तर प्रदेश और बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियां बढ़ गई। सन् 1929 ई० मेें भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केंद्रीय विधानसभा में बम फेंका। इरविन की रेलगाड़ी को हराने का प्रयास किया गया। सूर्यसेन ने चटगांव पर अधिकार कर एक अस्थाई सरकार की स्थापना की।
  6. पूर्ण स्वराज की मांग- लाहौर कांग्रेस अधिवेशन दिसंबर 1929 में जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की मांग रखी और 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इससे एक नया उत्साह उत्पन्न हुआ।
  7. सरकार से समझौता का प्रयास- आंदोलन आरंभ करने के पूर्व ही महात्मा गांधी ने सन् 1930 में इरविन के समक्ष ग्यारह-सूत्री मांग रखी। इसमें प्रमुख मांग नमक कर हटाने तथा राजनीतिक बंदियों की रिहाई थी। परंतु इस पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अत:, गांधी जी ने नमक कानून भंग कर सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ करने का निश्चय किया। 

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